how to boy or girl in pregnancy – क्या ऐसा करना संभव है?

क्या आप एक लड़का या लड़की पैदा करना चाहते हैं? क्या आप इसके लिए कुछ नुस्खे या तरीके जानना चाहते हैं? क्या आप जानते हैं कि गर्भ में लड़का या लड़की होने के क्या-क्या लक्षण होते हैं? अगर हाँ तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

लड़की होने के लक्षण || Baby Girl symptoms during Pregnancy in Hindi ...
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लड़का या लड़की होने के लक्षण:

जन्म के पहले ही दिन से भ्रूण में पहचान योग्य XX या XY गुणसूत्र होते हैं। ये गुणसूत्र ही लड़के या लड़की होने का निर्धारण करते हैं। XY गुणसूत्र होने से लड़का और XX गुणसूत्र होने से लड़की पैदा होती है।

माँ के शरीर में हार्मोन के बदलने से भी गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता चल सकता है। लड़की होने पर माँ के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा अधिक होती है। वहीं लड़का होने पर वृहद अन्य हार्मोन का स्तर ज्यादा रहता है।

लड़का या लड़की चाहने के लिए नुस्खे:

कुछ लोगों का मानना है कि गर्भधारण से पहले की कुछ आदतों और खानपान से बच्चे के लिंग का निर्धारण किया जा सकता है। यह बातें पूरी तरह से साइंटिफिक तो नहीं हैं लेकिन फिर भी अगर आप आजमाना चाहें तो आजमा सकते हैं।

लड़का पैदा करने के नुस्खे:

  • आहार: लड़का पैदा करने के लिए लड़की पैदा करने वाले नुस्खों के बिलकुल उल्टा करें। नमक और पोटैशियम युक्त आहार लें। केला, आलू, मीट, अंडा, आदि का सेवन करें।
  • बिस्तर पर लेटने की स्थिति: संभोग के बाद करीब 20-30 मिनट तक पति के ऊपर और पत्नी के नीचे की स्थिति में रहें।
  • गर्भधारण का समय: ओव्यूलेशन से 2-3 दिन पहले संभोग करें। ऐसा माना जाता है कि इस समय Y शुक्राणु ज्यादा एक्टिव होते हैं।

लड़की पैदा करने के नुस्खे:

  • आहार: लड़की पैदा करने के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त आहार लें। दूध, दही, ग्रीन वेजिटेबल, सोयाबीन, आदि का सेवन करें।
  • बिस्तर पर लेटने की स्थिति: संभोग के बाद कम से कम आधे घंटे तक पत्नी के ऊपर और पति के नीचे की स्थिति में रहें।
  • गर्भधारण का समय: ओव्यूलेशन से ठीक पहले या ठीक बाद संभोग करें। ऐसा माना जाता है कि इस समय X शुक्राणु ज्यादा एक्टिव होते हैं।

विज्ञान क्या कहता है:

ऊपर दिए गए नुस्खे पुराने समय से चले आ रहे हैं और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। विज्ञान के अनुसार लड़का या लड़की होने का निर्धारण मात्र पुरुष के शुक्राणु से ही होता है। माँ के शरीर, खानपान या आदतों का इसमें कोई रोल नहीं होता है।

निष्कर्ष:

लड़का या लड़की होना माता-पिता के हाथ में नहीं होता है। यह प्रकृति की देन है। ऐसे में लड़का या लड़की की चाहत में बच्चे के स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना समझदारी नहीं है। लड़का हो या लड़की, स्वस्थ बच्चा होना सबसे बड़ी खुशी है।

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How To Boy Or Girl In Pregnancy In Hindi


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